23 जनवरी 1897, स्थान कटक ओड़िसा, घटना – ‘नेताजी सुभाष चन्द्र बोस’ का जन्म !!
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानतम नायक 'नेताजी'
सुभाष चन्द्र बोस को उनके जन्म दिवस पर कोटि कोटि श्रद्धांजलि !!
कहते हैं उनकी मृत्यु हवाई दुर्घटना में नहीं हुई थी। फिर क्या हुआ था ? कहाँ रहे थे इस देश के करोडो देशवासियों के आदरणीय नेताजी ?
नीचे दिए गए लिंक्स पर 'तथ्यों के साथ' आज़ाद भारत के इस सबसे बड़े रहस्य से पर्दा उठाने का प्रयास किया गया है!!
जो कहते हैं की 'स्वामी शारदानंद ही थे नेताजी' और उनका अंतिम समय देहरादून में बीता था!!!
शायद दूसरे विश्व युद्ध के बाद आज़ाद हुए भारत की कोई 'बड़ी मजबूरी' ही रही होगी जो इस बात को आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया जाता मगर आज नहीं तो कल
नेताजी का पूरा सच आधिकारिक रूप से ज़रूर सामने आएगा ही । प्रश्न यह भी उठेगा की जो सुभाष बाबू इतनी बड़ी ब्रिटिश हुकूमत से नहीं डरे और आज़ाद हिन्द फ़ौज बनाकर
भारत की आज़ादी के लिए अंग्रेजों से मोर्चा लिया, जिन्होंने कहा था 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा' और जिनके लिए इस देश का बच्चा बच्चा आज भी अपनी जान दे सकता है, वो अगर यहीं थे तो सामने क्यूँ नहीं आये?
ये बहुत गहरा प्रश्न है और इसका उत्तर भी असाधारण ही रहा होगा। शायद भारत की आज़ादी के उद्देश्य के पूरे होने के बाद इन महानतम कर्मयोगी ने स्वेच्छा से सन्यास मार्ग अपना लिया होगा और अपने आज़ाद देश में गुमनामी से रहना चुना होगा, शायद !
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस (1941-45 और उसके बाद) से जुड़े कुछ तथ्य, कुछ प्रसंग तथा परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के विश्लेषण पर आधारित कुछ निष्कर्ष; जिनके बारे में हर भारतीय को- खासकर, किशोर एवं युवा पीढ़ी को- जानना चाहिए...
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first person account of Netaji's life from 1965 to 1977
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